मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग के लिए भारत और संयुक्ती अरब अमीरात के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग के लिए भारत और संयुक्ती अरब अमीरात के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी |
मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग के लिए भारत और संयुक्ती अरब अमीरात के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
इस समझौता ज्ञापन के तहत जानकारी, आंकड़ों और मौसम विज्ञान, भूकंप विज्ञान और समुद्र विज्ञान से संबंधित उत्पादों जैसे रेडार, उपग्रह और ज्वार मापने वाले उपकरण तथा भूकंप और मौसम विज्ञान केन्द्रों के संबंध में आदान-प्रदान का प्रस्ताव है।
- वैज्ञानिकों अनुसंधानकर्ताओं और विशेषज्ञों आदि की अनुसंधान, प्रशिक्षण, सलाह-मशविरे आदि के लिए दोनों देशों के बीच यात्राएं और अनुभवों का आदान-प्रदान, जलवायु संबंधी जानकारी पर केन्द्रित सेवाओं, उष्णकटिबंधीय तूफान की चेतावनी से संबंधित उपग्रह डाटा का उपयोग करने के संबंध में आदान-प्रदान।
- समान हित की गतिविधियों से संबंधित वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान।
- द्विपक्षीय वैज्ञानिक और तकनीकी संगोष्ठियों/कार्यशालाओं/सम्मेलनों का आयोजन और दोनों देशों के समान हित के विषयों तथा समझौता ज्ञापन में वर्णित सहयोग के क्षेत्रों के संबंध में मौजूद समस्याओं पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाया जाना।
- दोनों पक्षों द्वारा आपसी तौर पर सहमति बनाकर अन्य क्षेत्रों में सहयोग।
- आपसी सहमति से समुद्री जल पर समुद्र विज्ञान पर्यवेक्षण नेटवर्क स्थापित करना।
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात के पूर्वोत्तर क्षेत्र को प्रभावित करने वाली ओमान सागर और अरब सागर में उठने वाली सुनामी के अधिक विश्वसनीय और तीव्र पूर्वानुमान के लिए सुनामी मॉडल के बारे में अनुसंधान की विशिष्ट क्षमता के निर्माण में सहयोग।
- सुनामी पूर्व चेतावनी केन्द्रों में, सुनामी पूर्वानुमान कार्य के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया पूर्वानुमान संबंधी सॉफ्टवेयर स्थापित करने के लिए सहयोग।
- अरब सागर और ओमान सागर में सुनामी की स्थिति उत्पन्न करने में सहायक भूकंप संबंधी गतिविधियों की निगरानी के लिए भारत के दक्षिण पश्चिम और संयुक्त अरब अमीरात के उत्तर में स्थापित भूकंप मापी केन्द्रों से प्राप्त वास्तविक आंकड़ों का आदान-प्रदान।
- भूकंप विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग जिसके तहत अरब सागर और ओमान सागर में सुनामी पैदा करने में सक्षम भूकंप संबंधी गतिविधियों का अध्ययन किया जा सके।
- रेत और धूल भरी आंधी के संबंध में पूर्व चेतावनी प्रणाली के क्षेत्र में जानकारी का आदान-प्रदान।
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